Would you like to receive Push Notifications?
We promise to only send you relevant content and give you updates on your transactions
Blogs Blog Details

वशीकरण प्रयोग

04 May, 2025 by mukesh shastri

वशीकरण प्रयोग

यदि घर में कलह हो या पति-पत्नी में मतभेद हो या पत्नी बाहती हो कि उसका पति उसके नियंत्रण में रहे या कोई व्यक्ति किसी अन्य को अपने वश में करना चाहता हो या किसी शत्रु को अपने आधीन करना चाहते हैं तो ऐसे सभी प्रयोगों में नीचे लिखा मंत्र उपयोगी हो सकता है। यह प्रयोग किसी भी रविवार से प्रारम्भ किया जा सकता है। रविवार के दिन प्रातःकाल उठ कर स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहन कर अपने सामने दक्षिणावर्त शंख को रख दें और उस पर कुम्कुम आदि लगा लें। इसके बाद शुद्ध घृत का दीपक इसके सामने रखकर स्फटिक माला से निम्न प्रकार की एक माला फेरें । इस प्रकार ३० दिनों तक नित्य नियमपूर्वक करें तो निश्चय ही वह अपने उद्देश्य में सफ लता प्राप्त कर लेता है। इस प्रकार के प्रयोग में नित्य १५ से २० मिनट लगते हैं और ऐसा प्रयोग करने पर व्यक्ति मनो वाँच्छित सफलता प्राप्त कर लेता है।   

https://google.com/store/apps/details?id=com.astrogurukripa.customer

मंत्र- ॐ क्रीं अमुकं मे वशमानाय स्वाहा।

यह मंत्र अपने आप में विशेष शक्ति समेटे हुए है। इसकी विधि में यह शंख अपने सामने रख दें और चावल के साबुत दाने अपने सामने किसी पात्र में रख दें, इस बात का ध्यान रखें कि चावल के दाने खण्डित न हों । इसके बाद में उपरोक्त मन्त्र पढ़कर कुछ दाने इस शंख के मुंह में डाल दें इस प्रकार नित्य १०४ बार मंत्र पढ़कर चावल के दाने इस शंख के मुह में डाल दें। मंत्र में जहाँ अमुक लिखा हुआ है वहाँ उस पुरुष, स्त्री का नाम उच्चारण करें जिसे वश में करना है। जब माला
: पूरी हो जाए तब वह शंख वहाँ से उठाकर सुरक्षित स्थान पर रख दें। इस बात का ध्यान रखें कि शंख में रखे हुए चावल के दाने ना गिरें।

प्रयोग पूरा होने पर चावल के दाने किसी सफेद कपड़े में बाँधकर अपने सन्दूक में या किसी भी सुरक्षित स्थान पर रख दें। ऐसा करने पर वह पुरुष या स्त्री प्रयोग करने वाले के वश में रहेगी और वह जैसा चाहता है उसी प्रकार से कार्य सम्पन्न होगा। जब उसे इस वशीकरण प्रयोग से मुक्ति देनी हो तब उस पोटली में से वह चावल के दाने निकाल कर किसी नदी, तालाब या पवित्र स्थान पर डाल देने से वह उस वशीकरण प्रभाव से मुक्त हो जाता है।

यह प्रयोग अनुभूत है और इसकी प्रामाणिकता सिद्ध हो चुकी है।