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बुध यंत्र

03 May, 2025 by mukesh shastri

बुध-यंत्रम्

नवब्धिरुद्र दशनागष्टक बाणार्कसप्त नवकोष्ठयंत्रे। विलिख्य धार्यं गदानाशेतवे वदन्ति यंत्रं शशिजस्य धीराः ॥

पुराणोक्त बुध जप मंत्र

ह्रीं प्रियङ्ग कालिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्। सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्राणमाम्यहम्॥

अर्थात् - प्रियंग की कली की भाँति जिनका श्याम वर्ण है, जिनके रूप की कोई उपमा ही नहीं है, उन सौम्य और सौम्यगुणी से युक्त बुध को मैं प्रणाम करता हूँ।

वैदिक बुध मन्त्र

ॐ उद्द्बुध्यस्वग्ने प्रतिजागृहि त्वमिष्ठासुर्ते सर्वं सृजयायमं च। अस्मिन्त्सधस्थेऽअद्व्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत् ॥

अथवा
: ॐ उद्बुध्यध्वं बुधो बुधस्त्रिष्टुप, बुधप्रीत्यर्थ जपे विनियोगः। ॐ उद्बुध्यध्वं समनसः सखायः समग्रिमिध्वं भावः सनीलाः।

दधिक्रमग्निमुषसं च देवीमिन्द्रावती वसे निह्वये वः ॥

तंत्रोक्त बुध मंत्र

नान ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः। ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः।

जपसंख्या - नौ हजार, कलियुग में तैतीस हजार।

बुधगाय मंत्र

ॐ सौम्यरूपाय विद्महे बाणेशाय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात्।

बुध- ईशानकोण, बाणकार मंडल, अंगुल 4, मगधदेश, अतिगोत्र, पीतवर्ण, मिथुन, कन्या का स्वामी, वाहन सिंह, समिधा अपमार्ग, चिचिड़ा, लताजीरा।

फल।

दानद्रव्य - पन्ना, सोना, काँसी, मूँग, खाँड़, घी, हरा कपड़ा, सफेद फूल, हाथी दाँत, कपूर, शस्त्र,

दान का समय - सबेरे पाँच घटी तक।

धारण करने का रत्न - पन्ना, अभाव में जड़ी विधारा (वृद्ध मूल)। हरे रंग के डोरे या कपड़े में

दाहिनी भुजा या गले में धारण करें।